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अब जमीन का भी बनेगा भू-आधार कार्ड: कोई नहीं कर सकेगा कब्जा, 14 डिजिट के कोड से सुरक्षित रहेगा आपका भूखंड

Bhu Aadhaar Card Online Apply 2024:  भारत में संपत्ति खरीदना और उसका मालिक बनना एक बड़ा सपना होता है। लोग अपनी मेहनत की कमाई से अच्छी खासी जगह देखकर जमीन खरीदते हैं, वहां अपने सपनों का घर बनाने का प्लान बनाते हैं। लेकिन कई बार यह देखा गया है कि लोग जमीन तो खरीद लेते हैं, पर वहां रहते नहीं हैं। साल में एक-दो बार उसे देखने जाते हैं, और इस दौरान कई बार उनकी जमीन पर दूसरे लोग कब्जा कर लेते हैं। ऐसे मामलों में, कई बार कोर्ट में लंबी लड़ाई के बाद भी जिनकी जमीन होती है, उन्हें कब्जा करने वालों से केस हारना पड़ता है। 

Bhu Aadhaar Card Online Apply 2024

लेकिन अब सरकार ने इसके लिए एक बेहद अच्छा सॉल्यूशन निकाल लिया है। सरकार ने एक ऐसी योजना शुरू की है जिससे आपकी जमीन को एक विशिष्ट पहचान मिलेगी, जिसे “भू-आधार कार्ड” कहा जा रहा है। यह न केवल आपकी संपत्ति को सुरक्षित करेगा, बल्कि कई अन्य लाभ भी प्रदान करेगा। आइए इस क्रांतिकारी कदम के बारे में विस्तार से जानें।

क्या है भू-आधार कार्ड?

अब जमीन और प्लाट को भी आधार कार्ड से लिंक करवाना होगा। जैसे हमारे पास आधार कार्ड होता है, वैसे ही अब हमारी जमीन का भी आधार कार्ड बनेगा, जिसे “भू-आधार कार्ड” कहा जाएगा। इससे आपकी जमीन पर कोई कब्जा नहीं कर सकता, क्योंकि इसे छुड़ाना अब सरकार का काम होगा। अगर कोई आपकी जमीन पर कब्जा करता है, तो सरकार आपको मुआवजा देगी। यह कदम जमीन के विवादों को कम करने और संपत्ति मालिकाना हक को सुरक्षित करने के लिए उठाया गया है।

भूमि सुधार और डिजिटलीकरण

ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में भूमि सुधार को लेकर सरकार ने बजट 2024 में कई बड़े कदम उठाए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि के लिए विशिष्ट पहचान संख्या या भू-आधार का प्रस्ताव रखा गया है। यह 14 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या होगी, जिसे ULPIN (Unique Land Parcel Identification Number) के नाम से जाना जाएगा। इस प्रक्रिया में भूमि की पहचान संख्या के साथ उसका मानचित्रण, सर्वे, मालिकाना और किसानों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। इससे कृषि लोन मिलने में आसानी हो जाएगी और दूसरी कृषि सुविधाएं भी आसानी से मिल सकेंगी।

शहरी क्षेत्रों का डिजिटलीकरण

शहरी क्षेत्रों में भूमि अभिलेखों को जीआईएस मैपिंग के साथ डिजिटल किया जाएगा। इसमें पहले जीपीएस तकनीक की मदद से जमीन का जियोटैग किया जाएगा, फिर भूमि की सीमा का भौतिक सत्यापन और माप किया जाएगा। इसके बाद भूमि रिकॉर्ड मैनेजमेंट सिस्टम में डेटा दर्ज किया जाएगा, जो अपने आप भू-खंड के लिए 14 अंकों का भू-आधार संख्या तैयार करेगा। यह भू-आधार संख्या डिजिटल रिकॉर्ड से जुड़ी होगी।

भू-आधार में क्या-क्या जानकारी होगी 

आधार कार्ड की तर्ज पर बनने वाले भू-आधार में राज्य कोड, जिला कोड, उप-जिला कोड, गांव कोड, भूखंड की विशिष्ट आईडी संख्या आदि होते हैं। यह सारी जानकारी मिलकर एक लंबा नंबर बनाती है, जो आपकी जमीन का भू-आधार नंबर कहलाता है। यह नंबर जमीन के कागजात पर लिखा जाएगा और कंप्यूटर में भी रखा जाएगा।

एक खास बात यह है कि अगर आप अपनी जमीन बेच दें, या उसके कई टुकड़े कर दें, तब भी इस जमीन का भू-आधार नंबर नहीं बदलेगा। यह नंबर हमेशा उस जगह के लिए एक जैसा रहेगा, चाहे उसका मालिक कोई भी हो। इस तरह, भू-आधार एक ऐसा सिस्टम है जो हर जमीन को एक खास पहचान देता है, जिससे उसके बारे में सारी जानकारी आसानी से मिल सकती है और उसकी सुरक्षा भी बढ़ जाती है।

भू-आधार के लाभ

भू-आधार कार्ड के कई फायदे हैं जो न केवल भूमि मालिकों को बल्कि पूरे देश को लाभान्वित करेंगे:

  1. संपत्ति सुरक्षा: भू-आधार आपकी जमीन को अवैध कब्जे से बचाएगा। अगर कोई आपकी संपत्ति पर कब्जा करने की कोशिश करता है, तो सरकार इसे वापस दिलाने में मदद करेगी या मुआवजा देगी।
  2. विवादों का समाधान: भूमि से संबंधित विवादों को हल करने में मदद मिलेगी क्योंकि सभी जानकारी डिजिटल रूप में उपलब्ध होगी।
  3. आसान ऋण: किसानों और अन्य भूमि मालिकों को कृषि ऋण और अन्य वित्तीय सेवाएं प्राप्त करने में आसानी होगी।
  4. पारदर्शिता: भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण प्रशासन में पारदर्शिता लाएगा और भ्रष्टाचार को कम करेगा।

Note – आपकी जानकारी के लिए बता दे की अभी तक सरकार ने भू-आधार कार्ड बनाने के लिए कोई ऑफिसियल पोर्टल लांच नहीं किया है. जैसे ही सरकार का ऑफिसियल पोर्टल लांच लांच होता है आपको इस वेबसाइट के माध्यम से बता दिया जायेगा। इस वेबसाइट की लेटेस्ट जानकारी के लिए आप हमारा whatsaap group ज्वाइन या Notification Bell को ON कर सकते है।

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