भारत में स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में एक बड़ी छलांग लगाते हुए Tata Power ने सोलर रूफटॉप सेगमेंट में नया इतिहास रच दिया है। वित्त वर्ष 2024-25 में कंपनी ने 1.5 लाख घरों की छतों पर रूफटॉप सोलर सिस्टम इंस्टॉल कर एक नया मील का पत्थर हासिल किया है। इस उपलब्धि के साथ ही Tata Power की कुल इंस्टॉल्ड कैपेसिटी 3 गीगावॉट (GW) हो चुकी है, जो 700 से ज्यादा शहरों में फैली हुई है। इस मजबूत नेटवर्क और तकनीकी कुशलता के दम पर अब कंपनी का अगला लक्ष्य है—अगले तीन सालों में 30 लाख घरों तक सोलर रूफटॉप पहुंचाना।

टाटा पावर की बढ़ती पकड़ और शानदार मुनाफा
Tata Power फिलहाल रूफटॉप EPC (Engineering, Procurement and Construction) में 13.1% की मार्केट हिस्सेदारी के साथ टॉप पोजिशन पर है। कंपनी ने FY25 में सोलर रूफटॉप सेगमेंट से ₹209 करोड़ का प्रॉफिट अर्जित किया, जिसमें से ₹100 करोड़ सिर्फ चौथी तिमाही में आया है। यह दर्शाता है कि सोलर अपनाने की रफ्तार अब आम लोगों के बीच भी तेजी से बढ़ रही है। कंपनी ने इस साल 2.5 GW से ज्यादा की रिन्यूएबल कैपेसिटी जोड़ी है, जिसमें से लगभग 600 MW सिर्फ रूफटॉप प्रोजेक्ट्स से आए हैं। इतना ही नहीं, Tata Power के पास अब ₹4,000 करोड़ से ज्यादा का EPC प्रोजेक्ट्स का ऑर्डर बुक भी है, जो आने वाले समय में कंपनी की आय और उपस्थिति दोनों को और मजबूत बनाएगा।
सरकार की योजनाओं में टाटा पावर की भागीदारी
Tata Power अब केंद्र सरकार की PM Surya Ghar Yojana का भी एक अहम हिस्सा बन चुकी है, जिसका उद्देश्य है 1 करोड़ घरों को सोलर एनर्जी से जोड़ना। इस लक्ष्य को पाने के लिए कंपनी ने कई राज्य स्तरीय एजेंसियों जैसे ओडिशा की OREDA, उत्तर प्रदेश की UPNEDA, असम की APDCL और राजस्थान की डिस्कॉम्स (जैसे जयपुर, अजमेर, जोधपुर) के साथ साझेदारी की है। इसके अलावा कंपनी का “Ghar Ghar Solar, Tata Power ke Sang” अभियान पहले से ही जोधपुर, वाराणसी, कोच्चि, कोयंबटूर और रायपुर जैसे शहरों में सक्रिय है। 600 से अधिक चैनल पार्टनर्स और 225 से ज्यादा सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ Tata Power का नेटवर्क अब देश के 400 से अधिक जिलों में पहुंच चुका है।
स्वदेशी सोलर मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भरता
Tata Power की ताकत सिर्फ इंस्टॉलेशन तक सीमित नहीं है, बल्कि कंपनी अपनी ज़रूरत की सोलर मॉड्यूल्स और सोलर सेल्स का उत्पादन खुद करती है। तमिलनाडु के तिरुनेलवेली स्थित TP Solar मैन्युफैक्चरिंग प्लांट से कंपनी ने FY25 में 3,291 MW सोलर मॉड्यूल्स और 846 MW सोलर सेल्स का उत्पादन किया। यह प्लांट 90% से ज्यादा क्षमता पर ऑपरेट कर रहा है और यहां TOPCon, Mono PERC और Bifacial टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर DCR कंप्लायंट हाई एफिशिएंसी मॉड्यूल बनाए जाते हैं, जो अधिक बिजली उत्पादन की गारंटी देते हैं।
आम जनता के लिए आसान हुआ सोलर अपनाना
Tata Power ने 20 से ज्यादा बैंक और फाइनेंशियल संस्थानों के साथ साझेदारी कर अब तक ₹5,680 करोड़ से ज्यादा के सोलर प्रोजेक्ट्स के लिए फाइनेंसिंग उपलब्ध करवाई है। इसका मतलब है कि अब आम आदमी के लिए भी अपनी छत पर सोलर पैनल लगवाना आसान हो गया है। EMI ऑप्शन और सब्सिडी की सुविधा से यह तकनीक अब सिर्फ अमीरों की नहीं रही, बल्कि मिडिल क्लास और ग्रामीण परिवारों के लिए भी एक किफायती समाधान बन चुकी है। Tata Power की योजनाएं न सिर्फ पर्यावरण के हित में हैं, बल्कि भारत को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी एक मजबूत कदम हैं।
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