साल 2025 की पहली तिमाही में भारत के सोलर सेक्टर में एक बड़ी उपलब्धि सामने आई है, और इस सफलता की सबसे बड़ी भागीदार बनी है Waaree Energies। JMK Research की रिपोर्ट के अनुसार, Waaree ने Q1 2025 में सबसे ज्यादा सोलर मॉड्यूल की सप्लाई करके देश में नंबर 1 पोजिशन हासिल की है। इस दौरान भारत में कुल 12.5 गीगावॉट (GW) सोलर मॉड्यूल की शिपमेंट हुई, जिसमें Waaree का हिस्सा 17.3% रहा। यानी हर 6वां सोलर पैनल Waaree का था। यह प्रदर्शन Waaree की तकनीकी मजबूती और ग्राहकों के विश्वास का प्रमाण है।

भारत में सोलर ग्रोथ को मिला जबरदस्त बूस्ट
2025 की पहली तिमाही में भारत ने कुल 5.93 GW यूटिलिटी-स्केल सोलर क्षमता को इंस्टॉल किया, जो कि पिछली तिमाही के मुकाबले 12.2% ज्यादा है। इससे यह स्पष्ट होता है कि देश में सोलर प्रोजेक्ट्स की रफ्तार लगातार बढ़ रही है। इसके साथ ही, रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन में भी बड़ा उछाल देखा गया, जो कि 1.34 GW तक पहुंच गया।
यह वृद्धि मुख्य रूप से प्रधानमंत्री की “PM सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना” जैसी नीतियों की वजह से संभव हुई, जिसने आम लोगों को सोलर सिस्टम अपनाने के लिए प्रेरित किया। आज भारत की कुल सोलर क्षमता 105.6 GW तक पहुंच चुकी है, और यह देश की सबसे बड़ी रिन्यूएबल एनर्जी सोर्स बन गई है।
Waaree की तकनीक और उत्पादन क्षमता बनी बड़ी ताकत
Waaree Energies की सफलता के पीछे उसकी जबरदस्त मैन्युफैक्चरिंग क्षमता और इनोवेशन की सोच है। कंपनी का हेडक्वार्टर मुंबई में स्थित है, और इसके पास भारत और विदेशों में कुल 15 GW की सोलर मॉड्यूल मैन्युफैक्चरिंग क्षमता है। इसमें 1.3 GW Indosolar और अमेरिका के टेक्सास में 1.6 GW उत्पादन क्षमता शामिल है।
इसके अलावा, कंपनी के पास 1.4 GW की सोलर सेल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट भी है, जिसे भविष्य में 5.4 GW तक विस्तार देने की योजना है। खास बात यह है कि Q1 2025 में Waaree की अंतरराष्ट्रीय शिपमेंट पिछले क्वार्टर की तुलना में दोगुनी हो गई, जिससे यह कंपनी अब वैश्विक स्तर पर भी मजबूती से उभर रही है।
Waaree की जीत में झलकता है आत्मनिर्भर भारत का सपना
Waaree की इस उपलब्धि पर कंपनी के CEO और Whole-time Director अमित पैठनकर ने कहा, “भारत के सोलर मॉड्यूल मार्केट में हमारी लीडरशिप, हमारी विश्वस्तरीय टेक्नोलॉजी और देश के क्लीन एनर्जी ट्रांजिशन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।” यह बयान ना सिर्फ कंपनी की उपलब्धि को दर्शाता है, बल्कि भारत की आत्मनिर्भर ऊर्जा नीति को भी मजबूती देता है।
खासकर तब जब Q1 2025 में देश में हुई कुल मॉड्यूल शिपमेंट का करीब 90% घरेलू कंपनियों द्वारा किया गया। यह ट्रेंड दिखाता है कि अब भारत विदेशी कंपनियों पर नहीं, बल्कि अपनी ही टेक्नोलॉजी और निर्माण शक्ति पर भरोसा कर रहा है।
यह भी पढ़े – 👉 2 साल में 290% रिटर्न और अब Bonus शेयर! इस Power Cable कंपनी ने मचाया तूफान, ₹911 पर लगा Upper Circuit!