सोलर पैनल्स के बारे में अक्सर यह सवाल उठता है कि बारिश के मौसम में यह बिजली बना पाते हैं या नहीं। बहुत से लोगों को लगता है कि सिर्फ धूप वाले दिनों में ही सोलर पैनल्स काम कर सकते हैं, लेकिन क्या यह सच है? आइए जानते हैं बारिश के दौरान सोलर पैनल्स कैसे काम करते हैं और इससे जुड़ी सभी जरूरी जानकारी। ⚡
सोलर पैनल्स और बारिश: कैसे होती है बिजली जनरेशन?
सोलर पैनल्स का मुख्य काम सूरज की रोशनी को कैप्चर कर उसे बिजली में कन्वर्ट करना है। बारिश के मौसम में, हालांकि धूप कम होती है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सोलर पैनल्स काम करना बंद कर देते हैं। असल में, सोलर पैनल्स क्लाउडी वेदर में भी बिजली बना सकते हैं। ☁️
जब सूरज की रोशनी बादलों से छनकर सोलर पैनल्स तक पहुंचती है, तो इसे डिफ्यूज्ड या स्कैटर्ड लाइट कहा जाता है। यह लाइट कम तीव्र होती है लेकिन फिर भी पैनल्स के फोटोवोल्टिक सेल्स इसे कैप्चर कर सकते हैं और बिजली जनरेट कर सकते हैं। हाल ही में हुए रिसर्च बताते हैं कि क्लाउडी वेदर में भी सोलर पैनल्स उनकी क्षमता का 10-25% तक बिजली बना सकते हैं।
बारिश का फायदा: सोलर पैनल्स की सफाई
बारिश सोलर पैनल्स के लिए फायदेमंद भी साबित हो सकती है। बारिश का पानी पैनल्स की सतह पर जमी धूल और गंदगी को साफ कर देता है, जिससे उनका एफिशियंसी बढ़ जाता है। साफ पैनल्स ज्यादा सूरज की रोशनी कैप्चर कर सकते हैं और अधिक बिजली बना सकते हैं। 💧
बारिश के दौरान बिजली जनरेशन की चुनौतियाँ
हालांकि, बारिश के मौसम में कुछ चुनौतियाँ भी होती हैं। जब बहुत ज्यादा बारिश होती है, तो धूप बिल्कुल भी नहीं होती और पैनल्स की आउटपुट क्षमता कम हो जाती है। इसके अलावा, अगर पैनल्स सही एंगल पर इंस्टॉल नहीं किए गए हैं, तो पानी जमा हो सकता है, जिससे पैनल्स की एफिशियंसी और लाइफस्पैन प्रभावित हो सकती है। इसलिए, सोलर पैनल्स को सही तरीके से इंस्टॉल करना और उनके मेंटेनेंस का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
लेटेस्ट टेक्नोलॉजी: सोलर पैनल्स और हाइब्रिड सिस्टम्स
आजकल बाजार में कुछ ऐसी टेक्नोलॉजी आ चुकी है जो बारिश के मौसम में भी बेहतर परफॉर्मेंस देने के लिए डिज़ाइन की गई हैं। उदाहरण के लिए, हाइब्रिड सोलर सिस्टम्स जो बैटरी बैकअप के साथ आते हैं। यह सिस्टम्स दिन में बनी बिजली को स्टोर करते हैं और जरूरत पड़ने पर इस्तेमाल करते हैं। साथ ही, कुछ पैनल्स अब ऐसी तकनीक से लैस होते हैं जो कम रोशनी में भी बेहतर एफिशियंसी दे सकते हैं।
ओवरऑल अगर आप ऐसे एरिया में रहते हैं जहां ज्यादा बारिश होती है, तो आपको यह समझना होगा कि सोलर पैनल्स बारिश के मौसम में भी काम करते हैं, लेकिन उनकी आउटपुट कम हो सकती है। इसलिए, एक हाइब्रिड सिस्टम या बैटरी बैकअप का इस्तेमाल किया जा सकता है, ताकि आप बारिश के दिनों में भी बिजली की कमी महसूस न करें।
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