आजकल हर कोई green energy की बात कर रहा है। सोलर एनर्जी इसमें सबसे आगे है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि क्या हम अपने घर के AC को सीधे सोलर पैनल से चला सकते हैं? चलिए इस मजेदार टॉपिक पर थोड़ी चर्चा करते हैं! 😎
सबसे पहले तो यह समझ लें कि सोलर पैनल DC करंट पैदा करते हैं, जबकि हमारे घरों में AC करंट का इस्तेमाल होता है। तो क्या इसका मतलब यह हुआ कि हम सोलर से AC नहीं चला सकते? बिल्कुल नहीं! टेक्नोलॉजी ने हमें एक जादुई डिवाइस दिया है जिसे कहते हैं – इनवर्टर! 🎩✨
इनवर्टर क्या करता है?
यह DC को AC में कन्वर्ट कर देता है। लेकिन ध्यान रहे, सिर्फ इनवर्टर काफी नहीं है। आपको एक खास तरह का सोलर AC इनवर्टर चाहिए होगा जो सोलर पैनल्स से सीधे कनेक्ट हो सके।
अब आता है मेन सवाल – क्या यह सिस्टम प्रैक्टिकल है? 🤨
इसका जवाब है – हां, आजकल इस टेक्नोलॉजी के जमाने में सोलर पैनल जो कम वोल्टेज की DC पावर बनाते है, उस से भी हाई वोल्टेज के एसी चल जाते है। इसके पीछे का राज एक छोटा ट्रांसफार्मर और इन्वर्टर है। इन्वर्टर DC पावर को AC पावर में बदलता है, जबकि ट्रांसफार्मर low वोल्टेज को high बनाता है, जिससे एसी को भरपूर पावर मिल सके।
लेटेस्ट टेक्नोलॉजी और इनोवेशन 🌐
आजकल मार्केट में ऐसे सोलर AC भी आ रहे हैं, जो सीधे DC पावर पर चलते हैं। मतलब इन्हें चलाने के लिए इन्वर्टर की जरूरत नहीं होती। ये सोलर AC काफी एफिशिएंट होते हैं और इनका मेंटेनेंस भी कम होता है। यह सोलर AC कम पावर में भी अच्छी परफॉर्मेंस देते हैं। इनमें BLDC (Brushless DC) मोटर्स का इस्तेमाल होता है जो normal ACs से ज्यादा efficient होती हैं। कुछ पॉपुलर ब्रांड्स जैसे कि LG, Panasonic और Blue Star ने अपने सोलर AC मॉडल्स लॉन्च किए हैं।
इसके अलावा अब हमारे पास हाइब्रिड सोलर AC सिस्टम्स हैं जो दिन में सोलर से और रात में ग्रिड पावर से चलते हैं। 😏 क्योंकि रात में सोलर पैनल बिजली नहीं बनाते है और एसी के लिए भारी बैटरी की जरुरत होती है, जिसकी कॉस्ट ज्यादा होती है। ऐसे में हाइब्रिड सोलर AC सिस्टम रात को पावर ग्रिड से ले लेता है और दिन में अतिरिक्त बनी पावर को ग्रिड में लौटा देता है। कुछ कंपनियां तो डायरेक्ट सोलर पावर्ड AC यूनिट्स भी बना रही हैं। ये यूनिट्स अपने अंदर ही इनवर्टर और बैटरी पैक रखती हैं। मतलब, ऑल-इन-वन सोल्यूशन! 📦
सोलर AC सिस्टम का सेटअप 🛠️
सोलर पैनल: पहले आपको सही क्षमता वाले सोलर पैनल चाहिए। अगर आपका AC 1.5 टन का है, तो लगभग 1.5 kW के सोलर पैनल की जरूरत होगी।
इन्वर्टर: सोलर इन्वर्टर DC पावर को AC पावर में बदलता है। एक अच्छे क्वालिटी के इन्वर्टर की जरूरत होगी।
बैटरी: अगर आप रात में भी AC चलाना चाहते हैं, तो बैटरी स्टोरेज जरूरी है। ये दिन में सोलर पावर को स्टोर करेगा और रात में इस्तेमाल के लिए तैयार रखेगा।
चार्ज कंट्रोलर: यह डिवाइस बैटरी को ओवरचार्जिंग से बचाता है और सोलर पैनल से आने वाली पावर को रेगुलेट करता है।
अब सवाल ये है कि क्या ये सब इतना झंझट लेने लायक है? वो तो आप पर डिपेंड करता है। अगर आप एनवायरनमेंट कॉन्शस हैं और लॉन्ग टर्म में पैसे बचाना चाहते हैं, तो ये एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। लेकिन अगर आपको फटाफट रिजल्ट्स चाहिए, तो शायद ये आपके लिए नहीं है।
फाइनल थॉट्स?
सोलर टेक्नोलॉजी तेजी से एडवांस हो रही है। हो सकता है कि कुछ सालों में यह सिस्टम और भी एफिशिएंट और अफोर्डेबल हो जाएं। तब तक, आप छोटे स्टेप्स ले सकते हैं – जैसे एनर्जी एफिशिएंट AC खरीदना या अपने घर में बेसिक सोलर सेटअप लगाना।
याद रखें, हर छोटा कदम बड़े बदलाव की शुरुआत हो सकता है। तो, क्या आप तैयार हैं सोलर रेवोल्यूशन का हिस्सा बनने के लिए? सोचिए मत, एक्शन लीजिए! 🌞💪
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