Join WhatsApp Group Join Now
Join Telegram Group Join Now

अब मोमबत्ती और बल्‍ब की रोशनी से भी बनेगी बिजली! वैज्ञानिकों ने बनाए Indoor Solar Panel

क्या आप सोच सकते हैं कि एक दिन मोमबत्ती और बल्‍ब की रोशनी से भी बिजली बनाई जा सकेगी? यह सुनने में शायद अजीब लगे, लेकिन यह सच है! वैज्ञानिकों ने ऐसा इनडोर सोलर पैनल विकसित किया है जो आर्टिफिशियल लाइट से भी चार्ज हो सकता है। आइए जानते हैं इस तकनीक के बारे में विस्तार से।

Indoor Solar Panel

आर्टिफिशियल लाइट से एनर्जी बनाने की कोशिशें

वैज्ञानिक काफी समय से इस पर काम कर रहे हैं कि कैसे आर्टिफिशियल लाइट को एनर्जी में बदला जा सके। आर्टिफिशियल यानी कृत्रिम लाइट वह रोशनी होती है जो मोमबत्ती, बल्ब, या किसी अन्य कृत्रिम स्रोत से निकलती है। अब तक सौर ऊर्जा से बिजली बनाने का तरीका तो बहुत पहले खोज लिया गया था और दुनियाभर में इसका उपयोग भी हो रहा है, लेकिन आर्टिफिशियल लाइट से बिजली बनाना एक चुनौती रही है।

लिथुआनिया के वैज्ञानिकों की बड़ी कामयाबी

लिथुआनिया की काउनास यूनिवर्सिर्टी के कुछ रिसर्चर्स ने 37 फीसदी चार्जिंग एफिशिएंसी वाले इनडोर सोलर सेल विकसित किए हैं। इस खोज ने आर्टिफिशियल लाइट को एनर्जी में बदलने की उम्मीद जगाई है। यह नए प्रकार के पेरोवस्काइट सोलर सेल (perovskite solar cell) हैं, जिनमें आर्टिफिशियल लाइट से बिजली खींचने की क्षमता है।

पेरोवस्काइट सोलर सेल की विशेषताएं

रिसर्चर्स ने इन सोलर सेल्स को बनाने में एक ऑर्गनिक सेमीकंडक्टर का उपयोग किया है। वैज्ञानिकों ने इससे जुड़े एक प्रयोग में सफेद एलईडी की रोशनी से इन सोलर सेल्स को चार्ज करने में सफलता पाई। खास बात यह है कि यह इनडोर सोलर सेल सूर्य की रोशनी के मुकाबले आर्टिफिशियल लाइट से बेहतर बिजली बना पाते हैं। इस तकनीक से न केवल पर्यावरण को बचाया जा सकता है बल्कि बिजली की लागत भी कम की जा सकती है।

क्या है भविष्य की संभावनाएं?

इस तकनीक का व्यावसायिक उपयोग कब तक संभव होगा, इस बारे में अभी कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। हालांकि, यह उम्मीद की जा रही है कि यह तरीका एक दिन कारगर साबित होगा। इनडोर सोलर सेल से बनने वाली एनर्जी लोगों की जरूरतों को कितना पूरा कर पाएगी, यह एक सवाल है। लेकिन अगर यह तकनीक सफल होती है, तो इससे काफी बिजली बचाई जा सकती है। जैसे 

स्मार्ट होम रेवोल्यूशन: सोचिए, आपका पूरा घर एक बड़ा सा पावर जनरेटर बन जाए! हर दीवार, हर खिड़की, यहां तक कि आपके फर्नीचर भी इन इंडोर सोलर पैनल्स से लैस हो सकते हैं। जैसे ही आप शाम को घर आएंगे और लाइट्स ऑन करेंगे, आपका घर धीरे-धीरे बिजली बनाना शुरू कर देगा। यानी की जो बिजली खर्च हो रही है उसमें से 37% बिजली वापस बन रही है।

गैजेट्स का नया अवतार: अब कल्पना कीजिए कि आपका स्मार्टफोन, लैपटॉप या टैबलेट खुद अपने लिए बिजली बना रहे हैं। जब भी आप इन्हें यूज करेंगे, स्क्रीन की रोशनी से ही यह अपनी बैटरी चार्ज कर लेंगे। मतलब बिजली को री-प्रोड्यूस करते जा रहे है। 

ऑफिस स्पेस का ट्रांसफॉर्मेशन: बड़े-बड़े ऑफिस बिल्डिंग्स जो दिन-रात जगमगाते रहते हैं, वो अब अपनी खुद की बिजली बना सकेंगे। फ्लोरेसेंट लाइट्स, कंप्यूटर स्क्रीन्स और यहां तक कि कॉफी मशीन की रोशनी भी बेकार नहीं जाएगी। यह तो एनर्जी सेविंग का अल्टीमेट लेवल बन जायेगा!

पब्लिक स्पेसेस में क्रांति: शॉपिंग मॉल्स, मूवी थिएटर्स, या फिर रेस्टोरेंट्स – ये सभी जगहें जहां लाइट्स 24×7 जलती रहती हैं, वहां यह टेक्नोलॉजी गेम-चेंजर साबित हो सकती है। सोचिए, आप सिनेमा हॉल में फिल्म देख रहे हैं और वो हॉल उसी वक्त बिजली भी बना रहा है।!

इमरजेंसी सिचुएशंस में मददगार: नेचुरल डिजास्टर्स या पावर कट के दौरान, जब बाहरी बिजली सप्लाई बंद हो जाती है, तब यह  इंडोर सोलर पैनल्स लाइफसेवर साबित हो सकते हैं। आपकी फ्लैशलाइट या इमरजेंसी लैंप न सिर्फ रोशनी देंगे, बल्कि थोड़ी बिजली भी बना लेंगे।

यह भी पढ़े 👉 फ्री सोलर रूफटॉप योजना की सम्पूर्ण जानकारी

👉 सोलर पैनल की सबसे बेस्ट कंपनी कौन सी है? देखे लिस्ट यहाँ

Join WhatsApp Group Join Now
Join Telegram Group Join Now

Leave a Comment